खतरे में पड़ी जिले की पत्रकारिता
पिछोर पुलिस ने फिर की एक और पत्रकार पर कायमी
पुलिसनामा / विनोद विकट
शिवपुरी। जिले में प्रतिदिन कुछ ना कुछ नया देखने को मिल रहा है या फिर यू कहे की जिले की पत्रकारिता इन दिनो खतरे में पड़ी हुई है अभी कुछ दिन पहले ही पिछोर थाना पुलिस ने पत्रकार सचिन राज भट्ट पर उस समय कायमी कर ली जब पत्रकार एक सरकारी स्कूल में अपने चैनल की खबर बनाने के लिए गया हुआ था। इस मामले में पत्रकार ने बताया कि मैने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के चलते सरकारी स्कूल में पहुंच कर छात्र छात्राओ से देश के कुछ महापुरुषो के नाम पूछे थे तब सरकारी स्कूल के बच्चो ने नाम नही बता पाए थे
इस खबर को मैने कबरेज किया था इसके बाद सरकारी स्कूल के प्राचार्य ने मेरे खिलाफ पिछोर थाने में आवेदन दिया जिस पर पिछोर पुलिस थाना प्रभारी जितेन्द्र मावई ने बिना जांच पड़ताल के ही मुझ पर कायमी कर दी इस मामले में जिले के पत्रकारो ने शिवपुरी जिला मुख्यालय पर सैकड़ो पत्रकार साथियो के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को न्याय पूर्वक मांग को लेकर एक ज्ञापन सौपा जिसमें पुलिस के बडे अधिकारी से जांच की मांग की और मामले में एफआर लगाने की मांग की। इसके बाद दूसरे ही दिन पत्रकार के पक्ष में कोलारस रन्नोद खनियाधाना सहित जिले की अन्य तहसीलो में जिला प्रशासन के अधिकारियो को पत्रकारो ने ज्ञापन सौपे और पत्रकार सचिन राज भट्ट के लिए न्याय की मांग की। यह मामला चल ही रहा था कि पिछोर थाना पुलिस ने एक अन्य पत्रकार शिवम पाण्डे पर भी कायमी कर ली पत्रकार के साथ कुछ नेताओ पर भी कायमी की है इस मामले में पत्रकार शिवम पाण्डे ने
बताया कि मैने क्षेत्रीय सांसद सिंधिया की जन समस्या निवारण शिविर का कबरेज किया था जिसमें मैने अपनी खबर में और अपनी सोशल मीडिया एकांउट पर आम जनता को यह बताया था की पिछोर प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियो ने जनता के शिकायती आवेदनो को रद्दी में फैक दिया है मेरी खबर सही साबित हुई और जिला प्रशासन की ओर से पांच सरकारी कर्मचारियो पर कार्यवाही की गई और इसके दो तीन दिन बाद ही मुझ पर एक सरकारी अधिकारी की शिकायत पर कायमी की गई। यहां पर यह कहना बिलकुल भी गलत नही होगा कि इन दोनो ही मामलो को देखकर ऐसा लग रहा है मानो जिले की पत्रकारिता खतरे में पड़ गई है